🕉️ महामृत्युंजय पूजन विधि (Maha Mrityunjay Pooja Vidhi)

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है। इसे जपने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है, आयु में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।


📌 पूजन की तैयारी

  • प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजन स्थान को शुद्ध करें और उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • एक स्वच्छ आसन पर शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
  • पास में गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र, धतूरा, चंदन, धूप-दीप, फल और फूल रखें।

📖 पूजन विधि

  1. सबसे पहले दीपक जलाकर गणेश जी का ध्यान करें।
  2. शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएँ।
  3. दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से पंचामृत अभिषेक करें।
  4. बेलपत्र, धतूरा, चंदन और अक्षत अर्पित करें।
  5. धूप और दीप से भगवान शिव की आरती करें।
  6. अब महामृत्युंजय मंत्र का जप करें:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

👉 इस मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। यदि संभव हो तो महामृत्युंजय जप 1,25,000 बार करवाना अत्यंत शुभ माना जाता है।


🎯 विशेष नियम

  • बेलपत्र हमेशा उल्टा चढ़ाएँ।
  • लाल या सफेद फूल चढ़ाएँ।
  • पूजन के दौरान मन को शांत और एकाग्र रखें।
  • सोमवार या मासिक शिवरात्रि का दिन सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

✨ फल (Benefits)

  • अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
  • रोग और पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
  • मानसिक शांति और आयु वृद्धि होती है।
  • परिवार पर आने वाले संकट टल जाते हैं।

👉 विशेषज्ञ सुझाव:
Pandit Manoj Maharaj जी के मार्गदर्शन में करवाया गया महामृत्युंजय जप एवं पूजन अत्यधिक प्रभावकारी होता है।

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